लेखनी प्रतियोगिता -08-Jan-2023
जरूरी नहीं है
जरूरी नहीं है मेरे दिल में
उठने वाला दर्द तेरी आंखों में
आंसू बनकर झलक जाएं जरूरी
नहीं है कि तुम मेरे साथ चलो तो
किसी ओर का हाथ थामने की
चाहत तुम्हारे जहन से निकल जाएं
जरूरी नहीं है कि जब मैं मुस्कुराऊं
तब मेरी हर मुस्कान सिर्फ तुम्हारे लिए
ही हो, जरूरी तो नहीं है कि तेरे हर
सपने में मैं ही तेरी खुशी रूप रखूं
जरूरी तो नहीं है कि हर बार हम
तेरे साथ मुस्कुराए, जरूरी तो नहीं है
जिंदगी के हर ग़म में तुम मेरा हाथ
थाम मुझे वहां से खींच लाओ।
राखी सरोज
Punam verma
09-Jan-2023 10:33 AM
Very nice
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Abhinav ji
09-Jan-2023 07:49 AM
Very nice 👍👍
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